पटना हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील व PIL एक्सपर्ट मणिभूषण प्रताप सेंगर ने सहरसा मे कुल कितने व्यवसायिक भवन है और उनका फायर NOC है या नहीं सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी जिसके जवाब मे सहरसा नगर परिषद का कुछ यूँ जवाब आया कि हर कोई सुनकर सकते मे आ गया.. नगर परिषद के सूचना पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी को इस बारे मे कोई जानकारी नहीं है.
अब ऐसे मे सवाल उठना लाजमी है कि शहर के अंदर ऐसे व्यवसायिक भवन चिह्नित किए जाए जिनके नक्शे पास तक नहीं हुए और बहुमंजिला इमारतें, अस्पताल कैसे बन गईं। आग लगने की स्थिति में होने वाले हादसे की जिम्मेदारी कौन लेगा, या फिर हादसा होने के बाद कुछ दिन शोर होने तक सब कुछ सिमट कर रह जाएगा. पार्किंग के अभाव में पूरा दिन रहती है जाम की स्थिति
शहर के अति व्यस्त सडक पर पूरा दिन जाम की स्थिति रहती है। इसका बड़ा कारण व्यावसायिक भवनों पास पार्किंग का नहीं होना है। वहीं नगर परिषद की ओर से भी सार्वजनिक पार्किंग नहीं बनाई गई है। प्लस न्यूज़
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