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शनिवार, दिसंबर 02, 2023

आवंटित विद्यालय से पंद्रह किलोमीटर के अंदर रहना होगा शिक्षकों को वरना छोड़ दे नौकरी-के के पाठक

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RJD के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता मनोज झा ने कहा है कि बिहार की सरकार विकास के मामले में बड़ी लकीर खींच रही है जिसके कारण भाजपा वालों को छटपटाहट है पार्टी के प्रवक्ताओं की बैठक के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा की हर जगह सरकार बेहतर काम करने में लगी है लेकिन भाजपा केवल दुष्प्रचार करने में लगी है उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी प्रहार करते हुए कहा कि उत्तराखंड टनल से मजदूर को निकालने के मामले में भी प्रधानमंत्री क्रेडिट ले रहे हैं क्योंकि वह क्रेडिट लेने की ही राजनीति करते हैं उन्होंने कटाक्ष किया कि मुझे तो डर था कि कहीं प्रधानमंत्री झंडा लेकर उसे टनल के पास भी ना पहुंच जाए लेकिन ईश्वर का लाख-लाख शुक्र है कि ऐसा नहीं हुआ और सभी मजदूर सुरक्षित बाहर निकल गए प्रधानमंत्री पर तंज करते हुए उन्होंने कहा कि बस चले तो सूरज निकलने को लेकर की भी वह भविष्वाणी करें और कहे कि सूरत पूरब से निकलता है और पश्चिम डूबता है तो उनकी वजह से तेलंगाना में हो रहे चुनाव मामले पर भी होने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर कटाक्ष किया और कहा कि तेलंगाना की जनता तय कर ली होगी कि किसकी सरकार बनेगी मैं अमित शाह नहीं हूं कि चुनाव से पहले मुझे एवं के बारे में जानकारी हो आपराधिक मामले में सरकार का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि जंगल राज की दुष्प्रचार करने वाले भाजपा शासित राज्यों की आंकड़े को उठाकर देख ले पता चल जाएगा की कहां अपराध ज्यादा है उन्होंने कहा कि मणिपुर जल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक शब्द नहीं बोला


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भाजपा के विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार के राज में शिक्षा विभाग शिक्षकों के प्रति तानाशाही रवैया अपना रहा है।आज पटना में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि विभाग ने शिक्षकों को सोशल मीडिया से दूर रहने तथा सरकार से कोई मांग नहीं रखने का फरमान जारी करना संविधान के मौलिक अधिकारों का हनन है।उन्होंने शिक्षकों से अपील की है कि वे इस फरमान के विरुद्ध आवाज उठाए एवं इस पर अमल न करें।



3....महा गठबंधन सरकार छुट्टी इसलिए काट रही है क्योंकि इनकी छुट्टी होने वाली है : शाहनवाज हुसैन*

भागलपुर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन भागलपुर पहुंचे। यहां उन्होंने शिक्षा विभाग द्वारा छूट्टी में कटौती मामले में बड़ा बयान दिया है वो स्कूलों में लचर व्यवस्था पर बिफरे। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि हम तो चाहते है बच्चे स्कूल में पढ़े। स्कूल में बच्चे है तो क्लासरूम नहीं हैं, क्लासरूम है तो टीचर नहीं है पहले व्यवस्था में सुधार लाना होगा ना की एक दिन में तुगलकी आदेश से सब हो जाएगा। स्कूलों में बच्चे के लिए कोई व्यवस्था सही नहीं हैं। कुर्सी बेंच नहीं है नेता तो कुर्सी पर बैठते हैं। महागठबंधन की सरकार छूट्टी इसलिए काट रही है क्योंकि इनकी छुट्टी होने वाली है। 


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...उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा सुरंग में 41 सभी श्रमिकों को सकुशल 17 दिनों के बाद निकाल लिया गया। उसके बाद सभी श्रमिक अपने अपने घर भेज दिया गया है। जिसमें बिहार के भोजपुर जिला अंतर्गत सहार थाना क्षेत्र के पेऊर गांव निवासी सबाह अहमद भी है। सबाह अहमद को शुक्रवार के दिन दिल्ली से पटना हवाई जहाज के द्वारा पहुंचाया गया। उसके बाद सबाह को बाई रोड उनके गांव छोड़ दिया गया। जहां सबाह अहमद का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। सबाह अहमद लगभग 20 दिनों के बाद अपने गांव पहुंचे है। जहां सबाह अपने परिजनों से मिले। 

वहीं शुक्रवार को जैसे ही सबाह अहमद अपने गांव पहुंचे तो वहां पहले से ही मौजूद बधाई देने वालों का हुजूम जुटा रहा। सभी ने फूल और माला पहनाकर सबाह का स्वागत किया गया। घर से करीब 100 मीटर तक सबाह का लोगों ने स्वागत किया। सभी गले मिले और भारत माता की जयकारा लगाकर उन्हें घर की ओर ले गए। वहीं घर के दरवाजे पर ही सबाह अहमद की पत्नी सबीहा खातून हाथ में स्वागत थाली और मिठाई लेकर सबाह का इंतजार कर रही थी। जिन्होंने मिठाई और माला खिलाकर खुशी अफजाई किया। 

शुक्रवार को सबाह अहमद के घर आने की खुशी में सबाह के पूरे परिवार सबाह के पिता मिसबाह अहमद समेत सभी के आंखों में खुशी के आंसू निकलने लगे। सबाह अपने पिता से मिले और पिता से मिलने के बाद दोनों की आंखें नम हो गई और दोनों ही एक दूसरे को गला लगाकर भावुक हो गए। सबाह अहमद का बेटा मुकर्रम ने भी अपने पिता को माला पहनाकर स्वागत किया। उसके बाद सबाह अहमद अपनी पत्नी और माता से मिले घर में सभी की आंखें नम थी। फिर परिवार की महिलाओं ने सबाह अहमद के सकुशल घर लौट आने पर बेटा का सहाना गीत गया। सभी को मिठाइयां खिलाई और खुशी मनाया। 

वहीं घर वापस लौटने के बाद सबाह अहमद ने बताया कि जब 12 नवंबर की सुबह टनल में फस जाने की सूचना मिली तो, सभी चिंतित हो गए। लेकिन एक सुपरवाइजर होने के नाते सभी का ख्याल रखना जरूरी था। हालांकि बिहार के केवल पांच ही श्रमिक थे। लेकिन सबका ख्याल रखना था। वहीं टनल के गिरने के बाद हमलोग छह दिनों तक केवल मूढ़ी खाते रहे और फिर हमलोग को सातवें दिन खाना मिल पाया।  टनल में फसने पर घर के लोगों की भी याद आती थी। लेकिन जब हमारी पहली बार बात हुई थी तो घर वालों को भी लगा की चलों कम से कम सभी ठीक है। घर वालों से फिर हमारी बात हुई। सबाह अहमद ने बताया कि उत्तराखंड सरकार और केंद्र की सरकार ने हमारा बहुत ख्याल रखा। वहां के मुख्यमंत्री हमलोग से लगातार हाल चाल पूछ रहे थे। भारत के प्रधानमंत्री से भी हमारी बात हुई।

बिहार सरकार ने नहीं किया कोई मदद टनल से निकलने के बाद पहुंचे तीन अधिकारी 

वहीं सबाह अहमद ने बताया कि उत्तराखंड सरकार और केंद्र की सरकार हमलोग से लगातार हाल चाल ले रही थी। वहीं हमारे राज्य को छोड़कर सभी राज्य के अधिकारी वहां मौजूद थे। पुष्कर सिंह धामी ने हमे गले लगाया। टनल से निकलने के बाद भारत के प्रधानमंत्री ने हमसे बात की। लेकिन एक बार भी बिहार सरकार ने हमारा सुध नहीं लिया। वहीं अंत में सभी श्रमिकों के टनल से बाहर निकलने के बाद तीन अधिकारी बिहार के आए थे। लेकिन उन्होंने एक बार भी हमारा हाल चाल नहीं पूछा। अधिकारियों ने केवल हमारा नाम, पता और पिता का नाम पूछा और फिर चले दी। जब दूसरे दिन वो अधिकारी आए तो उन्होंने कहा कि हमलोग आप सबको बाई रोड ट्रैवल गाड़ी से बिहार ले जायेंगे। तो मैंने कहा कि सर हमलोग जब साल में चार से पांच बार ट्रेन से जाते है तो एसी कोच से जाते है। हमलोग के पास पैसा है हमलोग खुद से चले जायेंगे। जिसके बाद वो अधिकारियों ने जहाज से ले जाने की बात की लेकिन एक श्रमिक के साथ एक ही परिजन जाने की बात कहीं, इसपर भी हमलोग ने विरोध किया। उसके बाद सभी 14 लोगों को जहाज से बिहार लाया गया।



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अब मजदूर का बेटा मजदूर नहीं बनेगा-अपर मुख्य सचिव के के पाठक*आवंटित विद्यालय से पंद्रह किलोमीटर के अंदर रहना होगा शिक्षकों को वरना छोड़ दे नौकरी, सभी शिक्षकों को वाहन चलाना सीखना निहायात जरूरी*

शिक्षा विभाग के सिंघम केके पाठक पहुंचे भागलपुर, बीपीएससी  में चयनीस प्रशिक्षण ले रहे शिक्षकों से मिले व कई स्कूलों का किया निरीक्षण*

भागलपुर - शिक्षा विभाग के सिंघम कहे जाने वाले अपर मुख्य सचिव के के पाठक गुरुवार की देर रात भागलपुर पहुंचे, उनके भागलपुर पहुंचते ही शिक्षा विभाग व जिलों के सभी विद्यालयों में हड़कंप मच गई है, उन्होंने आज जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन व विभाग के अधिकारियों के साथ कई बिंदुओं पर बैठक की उसके बाद  शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान और कई स्कूलों का निरीक्षण किया उन्होंने डाइट और सिटीई का भी निरीक्षण किया जहां बीपीएससी से नियुक्त हुए शिक्षकों का आवासान प्रशिक्षण चल रहा है उसके बाद वह शहर के कुछ स्कूलों के अलावा नाथनगर सनहौला शाहकुंड सहित अन्य प्रखंडों के स्कूलों का भी जायजा लिया, के के पाठक के भागलपुर आने की चर्चा दो दिन से चल रही थी जिसको लेकर सभी विद्यालय के प्रभारी ने अपने विद्यालय को साफ स्वच्छ और रंग रोगन से तैयार कर रखा है साथ ही कागजी प्रक्रिया को भी मजबूत कर रखी है। गौरतलब हो की केके पाठक के भागलपुर आने के चलते भागलपुर जिला अंतर्गत शिक्षा विभाग के कर्मियों की छुट्टी भी रद्द कर दी गई है।वही भागलपुर पहुंचे शिक्षा विभाग के सिंघम कहे जाने वाले अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने कहां की अब मजदूर का बेटा मजदूर नहीं बनेगा क्योंकि शिक्षा विभाग ने कई गुणी  शिक्षकों का चयन कर विद्यालय में उन्हें नियुक्त करने का काम किया है, बीपीएससी के तहत चयनित  शिक्षक प्रशिक्षण ले रहे शिक्षकों से कड़े शब्दों में कहां की अपने विद्यालय आवंटन के पंद्रह किलोमीटर के अंदर रहें वरना नौकरी छोड़ दे, साथ ही उन्होंने कहा की अगर आप गांव में पढ़ाई नहीं करा सकते तो दूसरा आवंटन भी शिक्षकों की प्रारंभ होने वाली है, आपको मुख्य रूप से गांव के विद्यालय को सुदृढ़ बनाना है और उसे मजबूत करना है, हम लोगों का सपना है गांव के बच्चों का सपना साकार हो और वह सपना हम शिक्षक ही कर सकते हैं साथ ही के के पाठक ने कहा कि सभी शिक्षकों को वाहन चलना अनिवार्य है अगर शिक्षक वाहन चलाने जानेंगे तो वह अपने समय पर विद्यालय पहुंच सकेंगे।




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