शेयर मार्केट (Share Market) के इन्वेस्टर्स (Investors) के बुरे दिन समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहे.पिछले साल की जबरदस्त तेजी के बाद हाल के कुछ महीनों से दुनिया भर के शेयर बाजार करेक्शन की चपेट में हैं. खासकर रिकॉर्ड महंगाई (Inflation) के चलते ब्याज दरें बढ़ाने का दौर शुरू हुआ और बिकवाली तेज हो चुकी है. गुरुवार के कारोबार में बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) दोनों 2-2 फीसदी से ज्यादा टूट गए. इस कारण इन्वेस्टर्स ने एक झटके में बाजार में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा गंवा दिए. चौतरफा हो रही बिकवाली का आलम ऐसा रहा कि सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से महज 2 यानी विप्रो (Wipro) और एचसीएल टेक (HCL Tech) ही ग्रीन जोन में रह पाईं.
बाजार में आई भारी गिरावट के मुख्य कारण
अमेरिका में महंगाई के ताजा आंकड़े जारी किए गए हैं. इसके अनुसार, अप्रैल महीने में खुदरा महंगाई मार्च के 8.5 फीसदी से कम होकर 8.3 फीसदी पर आ गई
अमेरिकी करेंसी डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है. अभी छह प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर का इंडेक्स बढ़कर 103.92 पर पहुंच गया है.
अमेरिकी बाजार में कल गिरावट देखने को मिली. डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 326.63 अंक यानी 1.02 फीसदी की गिरावट में रहा.
फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स पिछले कुछ महीनों से भारतीय बाजार में बिकवाल बने हुए हैं.
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