यूपी में मऊ की विशेष अदालत एमपी/एमएलए कोर्ट के ने मुख्तार अंसारी को रिहा करने का आदेश दे दिया है। मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता दरोगा सिंह ने जानकारी दी कि मुख्तार को 1 लाख की पीबी पर बांदा जेल प्रशासन से रिहा करने का आदेश दिया है। मुख्तार गैंगस्टर के मामले में 2011 से जेल में बंद हैं जबकि उस मामले में सिर्फ 10 साल की ही सजा होती है। अधिवक्ता दरोगा सिंह ने कहा कि गैंगस्टर किसी को जेल में ज्यादा से ज्यादा पाबंद रखने के लिए होता है। पुलिस ने इस मामले में उनके खिलाफ अत्याचार किया है। उन्हें जबरदस्ती जेल में रखा गया और बदनाम किया गया। हालांकि इस आदेश के बाद भी मुख्तार को अन्य मामलों के कारण जेल में ही रहना होगा। दक्षिणटोला थानाक्षेत्र के गैंगेस्टर एक्ट के मामले में उनकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। मुख्तार की अर्जी पर विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए दिनेश कुमार चौरसिया ने जेल अधीक्षक बांदा से आख्या तलब की थी। आपको बता दें कि मुख्तार के यूपी चुनाव लड़ने को लेकर लगातार चर्चाएं जोरों पर थीं। हालांकि बीते दिनों बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को लेकर साफ हुआ था कि वह अब सुभासपा के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे। मुख्तार ने अपनी विरासत को बचाने के लिए बेटे अब्बास को मऊ की सदर सीट से इस बार सुभासपा-सपा गठबंधन के चुनाव लड़ाने का फैसला किया था। पूर्वांचल की चर्चित विधानसभा सीट 356 मऊ सदर पर विधायक मुख्तार अंसारी इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने अपने बेटे को इस सीट से उतारने का फैसला लिया है। जिसके बाद अब्बास अंसारी कलेक्ट्रेट सभागार में सदर विधानसभा के आरओ के यहां नामांकन दाखिल करने के लिए पहुंचे। इसी के साथ उन्होंने अपना नामांकन भी दाखिल किया था...
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बुधवार, फ़रवरी 16, 2022
मुख्तार अंसारी को एक लाख रुपए के निजी मुचलका पर रिहा करने का मऊ कोर्ट ने दिया आदेश
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