मुज़फ़्फ़रपुर के तीन युवकों ने उठाया बीड़ा ।अकेलापन झेल रहे बुजुर्गों तक पहुंचा रहे भोजन । शहर के पंकज पटवारी ,सचिन ,और निहाल क्राउड फंडिंग से जुटा रहे पैसा । सामान्य दिनों में हाथों में कलम और किताब थामने वाले हाथों ने थाम लिया बेलन और कढ़ाई । कोरोना महामारी की दूसरी लहर में जहां कई लोगों द्वारा अपनों की सुध नहीं लेने की बात सामने आ रही है। मुज़फ़्फ़रपुर में बेटे ने बाप को सड़क पर छोड़ दिया था वहीं, जिले के इन युवाओं की पहल लोगों को सबक देने वाली है।
कोविड संक्रमण से पीड़ित अकेले रहने वाले वैसे बुजुर्गों
को खाना पहुंचाने की शुरुआत इन युवाओं ने की है , जो किसी परिस्थितियों का शिकार होकर अकेले रह रहे हैं । शहर के तीन युवाओं ने मिलकर इस काम की शुरुआत की है। बीमारी के साथ अकेलेपन की मार झेल रहे इन बुजुर्गों को युवाओं ने दो वक्त का खाना पहुंचा रहे हैं। तीनो युवाओं ने अपनी इस पहल को अपने दम पर शुरू किया है। लेकिन पहले ही दिन कई लोग इनकी मदद करने को पहुंचे ।पूरे शहरी क्षेत्र में इन युवाओं ने पहले दिन 17 बुजुर्गों के घरों तक खाना पहुंचाया , जो आज बढ़कर 75 से ऊपर हो चुका है । इस काम की शुरुआत करने वाले पकंज पटवारी, सचिन कुमार और निहाल हैं ।
पंकज पटवारी ने कहा कि कोविड की भयावह स्थिति के बीच कई बुजुर्ग ऐसे हैं जो बीमार हैं और यहां अकेले रह रहे हैं। इनके घरों में कोई खाना बनाने वाला तक नहीं है। इन बुजुर्गों की मदद को लेकर हमने यह शुरुआत की है। इन युवाओं की इस पहल को देखकर और सोशल मीडिया के माध्यम से इन से संपर्क कर दिल्ली और बेंगलुरु में रहने वाले कई परिवार के बच्चों ने किया है।
राज कृष्णन के साथ रूपेश कुमार की रिपोर्ट,प्लस न्यूज
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