बिहार की राजधानी पटना की सात विधानसभाओं में से एक कुम्हरार विधानसभा पर 2010 और 2015 विधानसभा में अरुण कुमार सिन्हा ने बाजी मारी..पिछले दो चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने यहां पर बाजी मारी है..परिसीमन से पहले यहां कभी बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी इस सीट का नेतृत्व किया करते थे..लेकिन इस बार जनता में खासा नाराजगी है क्यूंकि पिछले बार जिस तरह से जलजमाव हुआ था ऐसे में सबसे ज्यादा आर्थिक परेशानी सवर्ण समुदाय से आने वाले वोटरों को ही हुआ था नतीजा ये हुआ कि वर्तमान विधायक के विरोध में लगातार प्रदर्शन हो रहा है..ये विधानसभा सीट परिसीमन के बाद ही बनी है, ऐसे में अभी यहां पर दो ही बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. पहले ये सीट पटना मध्य विधानसभा हुआ करता था...करीब चार लाख वोटरों वाली कुम्हरार विधानसभा सीट पर कायस्थ समाज का दबदबा है. इनमें 54 फीसदी पुरुष और 45 फीसदी से अधिक महिलाएं हैं.यहां करीब एक लाख कायस्थ वोटर हैं,कायस्थ के अलावा भूमिहार और अतिपिछड़ा वोटरों की भी अच्छी खासी संख्या है.पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बहुत अच्छा मतदान नहीं हुआ था और सिर्फ 38 फीसदी वोट डल पाए थे. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी के अरुण कुमार सिन्हा को 56 फीसदी वोट यानी 86 हजार से अधिक वोट मिले थे. उनके बाद दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के आकिल हैद को करीब 50 हजार ही वोट मिल पाए थे.
वही 2020 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो निर्दलीय उम्मीदवार विनोद पाठक मजबूती से उभर कर जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवा चुके है....अपनी जीत का दावा करते हुए लगातार जनसम्पर्क कर रहे है...
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