देश भर में 17 मई तक लॉकडाउन के चलते बिहार सरकार ने गरीबों व प्रवासी मजदूरों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं को लागू करके उन्हें राहत प्रदान की है। सरकार की इस पहल का आम आदमी ने भी स्वागत किया है। लेकिन लॉकडाउन के चलते सरकारी कर्मी को छोड़कर जितने भी मध्य आय वर्ग वाले लोग है उनके लिए सरकार क्या कर रही है ? कुछ दुकानदार और प्राइवेट काम करने वाले लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें भी सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी जाए..... नोट बंदी के बाद अब तक वैसे भी बाजार आर्थिक मंदी से अभी उभर नहीं पाया है। लेकिन अब कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन ने दुकानदार व प्राइवेट कर्मी की कमर तोडऩे का काम किया है। कई कर्मी की नौकरी चली गई तो कई के दुकान का शटर नहीं खुल रहा, बिना शटर खुले ही वो दुकान का रेंट और स्टाफ को सैलरी दे रहे है, लेकिन कब तक ? पटना हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील व जनहित याचिका एक्सपर्ट मणिभूषण प्रताप सेंगर ने बिहार सरकार से मध्य आय वर्ग वाले परिवार के बारे मे गंभीरता से विचार करने की बात कही है.....
ब्यूरो रिपोर्ट
राज कृष्णन, प्लस न्यूज़, पटना
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