बिहार मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज मे एक से बढ़कर एक अजीबो गरीब मामले सामने आते रहता है....अब फिर से एक मामला सामने आया है जो अररिया के जिला क़ृषि पदाधिकारी मनोज कुमार से जुड़ा है...होमगार्ड से उठक बैठक मामले मे जिस पदाधिकारी को निलंबित करनी चाहिए, राज्य सरकार ने इस अधिकारी को प्रमोशन देकर पटना मे उप निदेशक बना दिया....यही नहीं पीड़ित होमगार्ड जवान से FIR न करवाकर टी ओपी प्रभारी से केस करवाया गया..सरकारी काम मे बाधा डालने तक का केस नहीं हुआ, अब आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते है कि आखिर इस अधिकारी की पहुँच कहाँ तक होगी कि सरकार भी एक्शन लेने मे हिचकिचा रही है...एक तरफ जहाँ बिहार के शिक्षा मंत्री के PA के मछली भोज मे DSP को सस्पेंड कर दिया गया, PA को जेल भेज दिया गया वही नवादा मामले मे SDO अन्नू कुमार को भी सस्पेंड कर दिया गया, यही नहीं बीजेपी विधायक के ड्राइवर और सुरक्षा कर्मी को भी सस्पेंड कर दिया गया लेकिन, अररिया के जिला क़ृषि पदाधिकारी को गलती की सजा प्रमोशन के तौर पर मिली वो भी पटना मे.....
बिहार सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार का स्थानांतरण उपनिदेशक (प्रशिक्षण कार्यालय) अपर कृषि निदेशक प्रसार पटना में किया गया है.
अररिया में हुई इस घटना के बाद मामले ने तूल पकड़ा था, तो खुद विभाग के मुखिया यानी कृषि मंत्री ने भी जांच के आदेश दिए थे. उन्होंने 24 घंटे के अंदर कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन जो हुआ वो सबके सामने है.इसी मामले को लेकर पटना हाई कोर्ट के जनहित याचिका एक्सपर्ट मणि भूषण सेंगर ने इसपर कड़ी आपत्ति जताते हुए कोर्ट मे जाने की बात कर दिए......उन्होंने कहाँ कि कानून सबके लिए बराबर है.
ब्यूरो रिपोर्ट, राज कृष्णन
प्लस न्यूज़, पटना
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