नही मिल रहा राहत सामग्री ,रो कर हुआ बुरा हाल
पटनासिटी, सम्पूर्ण देश मे कोरोना को लेकर लॉक डाउन है।सभी लोग अपने अपने घरों में बंद है।इन सबके बीच मे दैनिक मज़दूरी के काम करने बाले लोग ओर उनके परिजनों को खाने पीने की मुसीबत भी हो गयी है।बार्ड नम्बर 72 में 25 ऐसे घर है जिनको राशन पानी कुछ भी नसीब नही हो रहा है।लोग बेहाल है।इसी बार्ड के शकुन्ती देवी का रो रो कर बुरा हाल है ,बो बताती है बो करीव चार दिनों से उनके घर के कोई भी सदस्यों को खाना नही मिला है ।छःसदस्यों का परिबार है,सभी भूखे है।घर मे चूल्हा तक चार दिनों से नही जला है।कर्ज़ लेकर एक दिन खाना खाया।लोग राहत सामग्री लेकर हमलोगों के घर के पास ही आते है सभी घरों में बाटते भी है लेकिन हमलोग को मांगने पर भी नही देते है।हालांकि राज्य सरकार ने बार्ड पार्षदों और पंचायत में मुखियाओं को अपने अपने क्षेत्र के जनता के बीच अनाज बितरण को कहा है लेकिन उसके बाबजूद भी क्षेत्र के पार्षद और उनके प्रतिनिधियों के द्वारा दोयम दर्जा अपनाया जा रहा है और इनको राहत सामग्री से बंचित रखा जा रहा है।बही अन्य लोगो का कहना है कि लोग बीमारी से तो नही मरेगा बल्कि भूखे जरूर मर जायेगा।अर्थात इन लोगो का घर बार्ड 71 ओर बार्ड 72 के सीमा पर पड़ता है और उसी का खामियाजा इन लोगो को भुगतना पड़ रहा है।संकट के इस घड़ी में जब पूरा देश एक है,राज्य सरकारे अपने स्तर से लोगो को हर सम्भव राहत मुहैया करा रही है तो अब सवाल यह उठता है कि आखिर उनके आदेशो का अबहेलना बार्ड स्तर पर क्यो किया जा रहा है यह देखने बाली बात है।
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पटनासिटी, सम्पूर्ण देश मे कोरोना को लेकर लॉक डाउन है।सभी लोग अपने अपने घरों में बंद है।इन सबके बीच मे दैनिक मज़दूरी के काम करने बाले लोग ओर उनके परिजनों को खाने पीने की मुसीबत भी हो गयी है।बार्ड नम्बर 72 में 25 ऐसे घर है जिनको राशन पानी कुछ भी नसीब नही हो रहा है।लोग बेहाल है।इसी बार्ड के शकुन्ती देवी का रो रो कर बुरा हाल है ,बो बताती है बो करीव चार दिनों से उनके घर के कोई भी सदस्यों को खाना नही मिला है ।छःसदस्यों का परिबार है,सभी भूखे है।घर मे चूल्हा तक चार दिनों से नही जला है।कर्ज़ लेकर एक दिन खाना खाया।लोग राहत सामग्री लेकर हमलोगों के घर के पास ही आते है सभी घरों में बाटते भी है लेकिन हमलोग को मांगने पर भी नही देते है।हालांकि राज्य सरकार ने बार्ड पार्षदों और पंचायत में मुखियाओं को अपने अपने क्षेत्र के जनता के बीच अनाज बितरण को कहा है लेकिन उसके बाबजूद भी क्षेत्र के पार्षद और उनके प्रतिनिधियों के द्वारा दोयम दर्जा अपनाया जा रहा है और इनको राहत सामग्री से बंचित रखा जा रहा है।बही अन्य लोगो का कहना है कि लोग बीमारी से तो नही मरेगा बल्कि भूखे जरूर मर जायेगा।अर्थात इन लोगो का घर बार्ड 71 ओर बार्ड 72 के सीमा पर पड़ता है और उसी का खामियाजा इन लोगो को भुगतना पड़ रहा है।संकट के इस घड़ी में जब पूरा देश एक है,राज्य सरकारे अपने स्तर से लोगो को हर सम्भव राहत मुहैया करा रही है तो अब सवाल यह उठता है कि आखिर उनके आदेशो का अबहेलना बार्ड स्तर पर क्यो किया जा रहा है यह देखने बाली बात है।
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