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मंगलवार, अप्रैल 24, 2018

कैसे होती है ऑनलाइन परीक्षा में धांधली--


कैसे होती है ऑनलाइन परीक्षा में धांधली-------

आज हम बात करेंगे ऑन लाइन परीक्षा में धांधली के बारे में.....जब ऑफलाइन परीक्षा में धांधली बढ़ने लगी तो आनलाइन परीक्षा का संचालन होने लगा......ऑनलाइन परीक्षा से छात्रों में संतोष की भावना आने लगी...वैसे छात्र जो गांव से शहर आकर पढ़ने लगे .....दिन रात मेहनत करने लगे इस उम्मीद पर कि एक दिन मेहनत रंग लाएगी और उसे जॉब मिलेगी........लेकिन छात्रों को हकीकत नही मालूम 

r dj,....जब ऑफलाइन परीक्षा का संचालन होता तो धांधली होती लेकिन कम होती क्योंकि उसमें सरकारी शिक्षक और प्राचार्य के जिम्मे सबकुछ होता-------सरकारी नौकरी पर किसी तरह की विपत्ति न आए इसलिए शिक्षक डरते थे ....लेकिन कुछ शिक्षक ही इसमें लिप्त होते.....प्रश्नपत्र जब सेंटर पर खुलता तो वहा पर संबंधित डिपार्टमेंट के अधिकरी. प्राचार्य और कुछ शिक्षक की मौजूदगी में प्रश्नपत्र का सेट खुलता था और इस वजह से धांधली कम होती..............
                                           अब हम बात करेंगे ऑनलाइन परीक्षा के बारे में......आनलाइन परीक्षा बिल्कुल प्राइवेटीकरण की तर्ज पर काम कर रहा है.....ऑफलाइन की अपेक्षा इसमें धांधली का स्कोप बढ़ गया है.....क्योंकि सब कुछ प्राइवेट हो गया और ऐसे में सभी प्राइवेट काम करने वाले धांधली में लिप्त हो गए .......क्योंकि प्राइवेट जॉब करने वाले को नौकरी का डर नही होता......और पुलिस तक जब मामला जाता है तो पैसे लेकर दबा दिया जाता है क्योंकि इसमें बड़े बड़े अधिकारी और खादी वाले लिप्त होते है........वास्तव में ऑनलाइन परीक्षा एसएससी और रेलवे सीफी कंपनी को दिया जाता है और बैकिंग की परीक्षा टीसीएस कंपनी को.....................


अब यहां से शुरू होती है धांधली का खेल.......

सीफी या टीसीएस कंपनी में सभी वर्कर प्राइवेट होते है......जब कोई पार्टिकुलर परीक्षा का टेंडर निकाला जाता है...लेकिन टेडर में जो पैसे मिलते है उसे बचाने के लिए प्राइवेट कंपनी वाले 300 रू पर प्रतिदिन के हिसाब से लोकल लड़कों को रख लेते है...जो थंब इंप्रेसन और चेकिंग स्टाफ बन जाते है और सभी सेंटर पर स्कॉलर टाइप के लड़के को गार्डिंग के तौर पर रख लिया जाता है.......जो अंदर ही अंदर सब कुछ सेट हो जाता है.......प्रत्येक सेटर पर 2020से 2525लड़कों का सेटिंग किया जाता है ..........और कभी कभी तो सर्वर रूम से ही 30 मिनट पहले प्रश्नपत्र निकाल लिया जाता है.....लेकिन सबसे अहम बात जिस चीज की परीक्षा होती है उससे संबंधित अधिकारी की संलिप्तता जरूर होती है..vjiजिस वजह से कटऑफ हाई होता चला गया

                                 
 

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