उत्तराखंड का जोशीमठ बेबस और लाचार नजर आ रहा है. जोशीमठवासी बेबसी के आंसू रो रहे हैं. बीएचयू के प्रो. बीपी सिंह का कहना है कि जोशीमठ 100 साल पहले आए ..उत्तराखंड के जोशीमठ में आई त्रासदी के बाद से ही देश-दुनिया के वैज्ञानिक इसकी वजह और नुकसान का अनुमान लगाने में जुटे हैं. वाराणसी के काशी हिंदू विवि के भू-भौतिकी विभाग के वैज्ञानिक भी इसका कारण तलाश रहे हैं. जियोफिजिक्स विभाग के एचओडी प्रो. बीपी सिंह का कहना है कि जोशीमठ की घटना की मुख्य वजह ये है कि हिमालय का पर्यावरण अस्थाई है. जोशीमठ के पास भी थ्रस्ट है.उन्होंने बताया कि जोशीमठ में घरों में दरारें पड़ने का एक और मुख्य कारण है कि वहां पर 100 साल पहले भूकंप आया था. पहाड़ों पर हो रहे अंधाधुंध विकास को लेकर प्रो. बीपी सिंह का कहना है कि पहाड़ों पर सतत विकास होना चाहिए था. विकास ऐसा होना चाहिए कि पर्यावरण को बहुत क्षति न पहुंचे और विकास भी साथ में होता रहे. इसलिए विकास सीमित दायरे में ही किया जाना चाहिए.
Live News
बुधवार, जनवरी 18, 2023
उत्तराखंड का जोशीमठ बेबस और लाचार नजर आ रहा
Labels:
bgbreakingnews
bgbreakingnews
Labels:
bgbreakingnews
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें