दुनियाभर में करोड़ों लोगों को रीढ़ की हड्डी में दर्द की शिकायत रहती है. यह शारीरिक दिक्कत उन कारणों में से एक है जिससे हमारे जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है. स्पाइनल हेल्थ के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 16 अक्टूबर को वर्ल्ड स्पाइन डे सेलिब्रेट किया जाता है. डॉक्टर्स कहते हैं कि रीढ़ की हड्डी में दर्द कई तरह से इंसान की मुश्किलें खड़ी कर सकता है. यदि आपको उठते-बैठते वक्त कमर में दर्द होता है या फिर चलने-फिरने-झुकने में परेशानी होती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता है. पीठ में अकड़न, खिंचाव, गर्दन या कमर में दर्द हो तो उसे बिल्कुल इग्नोर नहीं करना चाहिए. रीढ़ से जुड़े डिसॉर्डर आपकी स्पाइनल कॉर्ड को डैमेज कर सकते हैं. अचानक गिरने, इंफेक्शन, इनफ्लेमेशन, कोई पैदाइशी डिसॉर्डर, रीढ़ की चोट, बढ़ती उम्र, ऑटोइम्यून डिसीज, विटामिन की कमी या स्पाइन में ब्लड सर्कुलेशन की कमी से रीढ़ में दिक्कत आ सकती है..इसके अलावा मोटापा, लापारवाही से भारी सामान उठाना, खराब लाइफस्टाइल, कैल्शियम की कमी, धूम्रपान, आर्थराइटिस, थायरॉइड, रीढ़ पर बहुत ज्यादा दबाव और खराब पोश्चर की वजह से भी इंजरी का जोखिम बढ़ सकता है...
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सोमवार, अक्तूबर 18, 2021
कमर-गर्दन-कंधों में दर्द ना करें इग्नोर
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