रीगा सुगर मिल के सीएमडी ओमप्रकाश धानुका के द्वारा कोलकाता के बंगाल में एक समारोह के दौरान भारत सरकार के रेल मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष विश्व की धरोहर लोकोमोटिव स्टीम रेल इंजन को डोनेट करने का उद्घोषणा किया गया था। जिसे आज डोनेट कर दिया गया है। सन् 1930 ईस्वी मे हॉड्सवेल क्लार्क ने इंग्लैंड मे तीन लोकोमोटिव इंजन का निर्माण किया था। जिसमे से दो लोकोमोटिव इंजन अब इस दुनिया मे नही है। एक लोकोमोटिव स्टीम इंजन रीगा सुगर कंपनी में 1933 ईस्वी से 2010 ईस्वी तक सेवा दे रही थीए 2010 ईस्वी में सीतामढ़ी नरकटियागंज रेलखंड पर बड़ी लाइन के निर्माण के बाद रीगा चीनी मिल के परिसर में प्रदर्शनी के तौर पर रखा गया था। जिसको सीएमडी ओमप्रकाश धानुका के द्वारा रेल मंत्रालय को डोनेट करने के बाद अब दिल्ली के शकूरपुर बस्ती स्थित संग्रहालय के द्वारा हरियाणा के रेबारी स्टीम सेन्टर भेजा गया है...
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