बिहार में समस्तीपुर के सिंघिया घाट गांव का नज़ारा हैए जहां हर साल पहली पख नागपंचमी पर सांपों की इस तरह पूजा की जाती है, गांव के लोगों का कहना है कि यहां रहने वाले सभी लोग सांप पकड़ना जानते हैं और हर घर में उनकी पूजा की जाती है, स्थानीय लोगों का कहना है कि सिंधिया घाट का ये मेला तीन सौ साल से लग रहा है,महीनों पहले सांपों के पकड़ने का जो सिलसिला शुरू होता है वो नागपंचमी तक चलता है, इस दिन लोग गले और हाथों में सांप लेकर घूमते रहते हैं, बिहार के कई इलाक़ों से लोग यहां हर साल ये मेला देखने आते हैं, इस बार कोरोना की वजह से नज़ारा कुछ अलग दिखाए लेकिन सांप अब भी ख़ूब नज़र आए,पुजारी और गांववालों का कहना है कि इन सांपों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाता और इन्हें पूजा के बाद नदी या जंगल में छोड़ दिया जाता है..

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