आम आदमी पार्टी बिहार के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज कुमार केंद्र और बिहार सरकार के आदेश से जारी लाक डाउन से प्रभावित बिहार के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं का कम से कम तीन महीने का बिजली बिल माफ करने की मांग की है। उन्होंने बिहार चेंबर आफ कामर्स द्वारा राज्य में लगे कल कारखानों और उद्योगों में लगे व्यवसायिक कनेक्शन का लोड अधिभार शुल्क भी माफ किए जाने के मांग का भी समर्थन किया है।अपनी मांग के दलील में उन्होंने कहा है कि--" *लगभग तीन महीनों की लाक डॉउन पीरियड में केंद्र और राज्य सरकारों के आदेश से अधिकांश नागरिकों का रोज़ी रोजगार ठप रहा है। कम्पनियां और कल कारखाने बन्द करा दिए गए थे ।नौकरीपेशा, मझौले दुकानदार, रोज कमाने खाने वाले मेहनतकश मजदूर, ड्राइवर आदि घरों में बैठे रहे हैं। अधिकांश निजी कम्पनियों ने अपने कर्मचारियों की या तो छुट्टी कर दी है या फिर बिना तनख्वाह के घरों में बिठा दिया है।हर प्रकार की गतिविधि ठप रही है। जिसके कारण यहां का उपभोक्ता बिजली बिल जमा करने में अपने आप को सक्षम नहीं पा रहा है।उन्होंने आगे कहा है कि--"बिहार में बिजली कम्पनियों ने पिछले तीन महीनों से अपने मीटर रीडरों के माध्यम से विभिन्न कारणों से उपभोक्ता के घर भेज कर मीटर की रीडिंग भी नहीं करवायी है और एवरेज बिलिंग के नाम पर अनाप शनाप भारी भरकम बिल रेज कर पहले से कोरोना की मार से त्रस्त बिहार के मध्यमवर्गीय परिवारों का ब्ल्डप्रेशर बढ़ा दिया है। लिहाजा बिहार सरकार को महामारी के दौरान केंद्र सरकार से आपदा कोष से मिली सहायता राशि के कुछ अंश का उपयोग कर बिजली कम्पनियों को सब्सिडी देते हुए लाक डॉउन अवधि के बिजली बिलों को माफ करने का आदेश जारी करना चाहिए।"बिजली कम्पनियों द्वारा उपभोक्ताओं के लाईन काट दिए जाने की धमकी से नाराज़ मुख्य प्रदेश प्रवक्ता डाक्टर शशिकांत ने कहा है कि अगर ऐसी शुरुआत हुई तो हम बिहार में बिजली आंदोलन चलाकर विद्युत आपूर्ति कार्यालयों के समक्ष उपभोक्ताओं के बिल की प्रतियां जलाते हुए धरना प्रदर्शन करेंगे तथा पार्टी की महिला शक्ति की कार्यकर्ताओं द्वारा लाइन काटने पहुंचने वाले विद्युत कर्मियों का झाड़ू से स्वागत करवाया जाएगा।
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