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रविवार, जून 21, 2020

सासाराम:- बिहार में शराब बंदी का सच, घंटों सड़क पर पड़ा रहा



इस बात का शोर भले ही देश भर में हो चला है कि अब बिहार के किसी भी जिले में शराब नहीं मिल रही है, लेकिन इस बात को आम लोग भी सिरे से खारिज कर देते हैं। वजह की शराब के मामले में हकीकत कुछ और है। शराब बंदी कानून लागू होने के बाद देश भर में यह संदेश गया है कि संपूर्ण बिहार शराब से मुक्त हो चुका है। यहां तक कि प्रदेश स्तर पर मानव श्रृंखला बना कर प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर आम जनमानस तक ने नशे को ना कहने में कोई कसर बाकी नहीं रखा, लेकिन जमीनी हाकीकत कुछ और है । पुलिस छापेमारी कर तस्करों एवं शराबी को पकड़ कर जेल भेजती है पर आये शराब का खेप पकड़ना सिस्टम के मुह पर तमाचा है।ताजा मामला रोहतास जिले के करगहर प्रखंड मुख्यालय के पास का है जहां एक यात्री शेड में शराब के नशे में धुत युवक घंटो देर से बेसुध पड़ा हुआ है। आसपास के लोगों के द्वारा  युवक को जगाने एवं घर भेजने की प्रयास तो किया गया लेकिन  युवक नशे में इतना धुत है  कि उसे यह भी होश हवास नहीं है कि वह कहां पर  सोया हुआ है। वहीं स्थानीय लोगों की मानें तो प्रदेश का कोई भी इलाका शराब से खाली नहीं है। हां पहले यह शराब उचित दामों में उपलब्ध थी, लेकिन अब शराब बंदी के बाद अब इसकी कीमत कुछ ज्यादा बढ़ गई है। शराब बंदी से संबंधित कठोर नियम के बावजूद हर इलाके में शराब पकड़े जाने की खबरें भी हर दिन आ रही हैं।

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