बिहार के नवादा से हिसुआ विधायक अनिल सिंह द्वारा अपने बेटे और उसके दोस्त को कोटा से लाने पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है.... एक तरफ जहा jdu पार्टी बैकफुट पर hहै वही दूसरी तरफ पटना हाई कोर्ट के PIL एक्सपर्ट मणिभूषण सेंगर ने माननीय मुख्यमंत्री जी से विशेष अनुरोध करते हुए कहा कि जब शिक्षा मंत्री के निजी सचिव एवं एक पुलिस उपाधीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई हो सकती है। तो फिर नवादा के विधायक जी एवं वाहन को अनुमति देने वाले पदाधिकारी के ऊपर भी f.i.r. कर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
अगर यह कार्रवाई नहीं होती है तो निश्चित ही यह जनहित का एक बहुत बड़ा मुद्दा है।जहां आम जनता को जरूरी के कामों में भी बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। और निकालने पर शारीरिक क्षति सहनी पड़ती है। वह केवल राजनीतिक रसूख रखने वाले विधायक जी को पुत्र को कोटा से लाने के लिए विशेष अनुमति किस अधिकार के तहत इस राष्ट्रव्यापी लॉक लॉक डाउन में उच्च पदाधिकारी ने दी है ?
और उस अनुमति देने वाले पदाधिकारी ने इस राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन में किस कानून के तहत अनुमति दी है ।किस अधिकार के तहत एक अनुमंडल स्तर के पदाधिकारी ने किस कानून को अपनाते हुए राज्य के बाहर इस राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन में जाने का अनुमति दिया?
मैंने आज ही अपने एक पोस्ट में है माननीय मुख्यमंत्री जी का सराहना किया था ।उनके इस आदेश के लिए कि जब गरीब मजदूरों को बाहर से नहीं लाया जा रहा है ।तो कोटा से लोगों को और बच्चों को लॉक डाउन का उल्लंघन कर कर क्यों लाया जाए?
लेकिन मैं गलत था ऐसा मुझे अब लग रहा है ।
लेकिन अगर सच में यह सब बातें माननीय मुख्यमंत्री जी को नहीं पता तो मैं माननीय मुख्यमंत्री जी से निवेदन करता हूं ।कि जल्द से जल्द इन दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें।
और यह सुशासन की सरकार है तथा लोकतंत्र है यहां इसका एक परिचय दें।
धन्यवाद।
मणि भूषण प्रताप सेंगर।
जनहित याचिका एक्सपर्ट अधिवक्ता ।
माननीय पटना उच्च न्यायालय।
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