Pluss news की खबर का असर : लॉक डाउन में अधिवक्ता मणि भूषण सेंगर द्वारा बार काउंसिल एवं अन्य संघों को भंग करने की मांग के बाद सभी अधिवक्ता संघ कुंभकरणी नींद से जाग गए.......
पटना: 17 अप्रैल 2020 को पटना उच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता मणि भूषण प्रताप सेंगर के द्वारा सभी अधिवक्ता संघों के द्वारा इस लॉक डाउन के विषम परिस्थिति में जो अधिवक्ताओं के हित की नजरअंदाज ही हो रही है उसको लेकर अधिवक्ता मणि भूषण सेंगर ने जब जनहित याचिका की बात उठाई कि जब इस विषम परिस्थिति में अधिवक्ता संघ बिहार की अपनी अधिवक्ताओं के कल्याण में कुछ नहीं कर सकता तो बार काउंसिल ऑफ इंडिया,बिहार राज्य बार काउंसिल,एवं अन्य बिहारी अधिवक्ता संघों को बंद एवं भंग कर देने मैं ही भलाई है।
ज्ञात हो कि 17 अप्रैल 2020 को अधिवक्ता मणि भूषण सेंगर ने pluss news के साथ बातचीत मे बार काउंसिल ऑफ इंडिया, बिहार राज्य बार काउंसिल, एवं बिहार के अन्य अधिवक्ता संघों को इस बात की चेतावनी दी थी कि सामाजिक प्लेटफार्म पर अगर बार काउंसिल एवं अन्य अधिवक्ता संघ बिहार के अन्य अधिवक्ता संघ इस लोक डाउन के विषम परिस्थिति में अगर अधिवक्ताओं को आर्थिक मदद नहीं पहुंचाई जाती है तो अधिवक्ता मणि भूषण प्रताप सेंगर इन सभी संघो एवं बिहार आज बार कॉउंसिल को भंग एवं बंद करने के लिए महामहिम राष्ट्रपति के समक्ष याचिका डालेंगे। जिसके बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने ₹45 लाख रुपये जो बढ़कर एक करोड़ भी हो सकती है। उसके लिए कार्य शुरू कर दी है। एवं बिहार राज्य बार काउंसिल ने भी इस संबंध में कदम बढ़ाए हैं ।
अधिवक्ता मणि भूषण सेंगर का कहना है कि देखते हैं कि केवल कदम ही कागजों पर बढ़ाए जाते हैं या फिर व्यवहार में भी जमीनी स्तर पर बिहार के अधिवक्ताओं का कुछ कल्याण होता है।
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