एंकर:-कभी-कभी कुदरत भी इंसान को ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है जिसे देख लोगो के रोंगटे खड़े हो जाते है।जँहा धार्मिक और मांगलिक गीत होनी चाहिये था वहाँ रोने-चिल्लाने की करुणा भरी आवाज से पूरा इलाका गमहींन हो गया।बेगमपुर मंडई निवासी संजीत जो दिल्ली हवाई अड्डा पर खुफिया विभाग में कार्यरत है संजीत की शादी 25 अप्रैल को होनी थी उससे पहले संजीत की शादी सफल हो उसके पूर्व संजीत के माता-पिता घर मे ही अखण्ड कीर्तन का आयोजन किया था लेकिन भगवान को कुछ ओर ही मंजूर था संजीत अखण्ड कीर्तन के दौरान छत पर सफाई कर रहा था कि उसी दौरान घर मे हो रहे सजावट बिजली की करंट बाली तार के सम्पर्क में संजीत आ गया और जबरदस्त करंट लगने के दौरान मौत हो गई।जिस घर से राम-राम-सीता राम की गूंज आ रही थी उसी घर से कुछ ही पल में राम नाम सत्य आवाज की तैयारी में लग गये यानी संजीत की शादी की जगह उनकी अर्थी की तैयारी होने लगी,पूरा परिवार,गाँव, मुहल्ला में संजीत की बारात जाने के इंतजार कर रहे थे लेकिन भगवान संजीत की शादी की जगह लोग अर्थी ले जाने को मजबूर हो गई पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ पड़ी है।
एंकर:-कभी-कभी कुदरत भी इंसान को ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है जिसे देख लोगो के रोंगटे खड़े हो जाते है।जँहा धार्मिक और मांगलिक गीत होनी चाहिये था वहाँ रोने-चिल्लाने की करुणा भरी आवाज से पूरा इलाका गमहींन हो गया।बेगमपुर मंडई निवासी संजीत जो दिल्ली हवाई अड्डा पर खुफिया विभाग में कार्यरत है संजीत की शादी 25 अप्रैल को होनी थी उससे पहले संजीत की शादी सफल हो उसके पूर्व संजीत के माता-पिता घर मे ही अखण्ड कीर्तन का आयोजन किया था लेकिन भगवान को कुछ ओर ही मंजूर था संजीत अखण्ड कीर्तन के दौरान छत पर सफाई कर रहा था कि उसी दौरान घर मे हो रहे सजावट बिजली की करंट बाली तार के सम्पर्क में संजीत आ गया और जबरदस्त करंट लगने के दौरान मौत हो गई।जिस घर से राम-राम-सीता राम की गूंज आ रही थी उसी घर से कुछ ही पल में राम नाम सत्य आवाज की तैयारी में लग गये यानी संजीत की शादी की जगह उनकी अर्थी की तैयारी होने लगी,पूरा परिवार,गाँव, मुहल्ला में संजीत की बारात जाने के इंतजार कर रहे थे लेकिन भगवान संजीत की शादी की जगह लोग अर्थी ले जाने को मजबूर हो गई पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ पड़ी है।
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