पूर्व आरबीआई गर्वनर बिमल जालान का कहना है कि यदि वे भारतीय रिजर्व बैंक के शीर्ष पद पर होते तो नोटबंदी की इजाजत नहीं देते.....देश में कालेधन की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए निश्चित तौर पर जरूरत है....देश में नोटबंदी का नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, लेकिन इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि इससे बचत, जमा, लोगों के निवेश और ज्यादा आयकर रिटर्न दाखिल होने से सकारात्मक फायदे भी हुए हैं।....उन्होंने कहा, “मेरे हिसाब से नोटबंदी की वजह से जनता पर नकदी की कमी से काफी बुरा असर पड़ा है।”.... नोटबंदी का कोई दीर्घकालिक नुकसान नहीं होगा। देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की दर कमजोर होकर 6.1 फीसद के स्तर पर आ गई...
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गुरुवार, अगस्त 10, 2017
बिमल जालान बोले, मैं होता तो नोटबंदी की मंजूरी नहीं देता
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