पटना के बिहटा इलाका में एनजीटी के नियमों को ताख पर रख कर बालू की खोदाई की जा रही है। अवैध खनन से एक तरफ जहां सरकार को करोड़ों का राजस्व नुकसान हो रहा है वही दूसरी ओर पर्यावरण पर भी खतरा मंडरा रहा है। पटना के बिहटा में नियम के विरुद्ध बभनलई आहार पइन पर 30 मीटर सड़क का निर्माण कराया गया है।
इसी सड़क से बालू लदे सैकड़ों ट्रक प्रतिदिन नदी से बाहर निकलते हैं। सरकार ने 14 व इससे अधिक चक्का के ट्रकों से बालू की ढुलाई पर रोक लगा रखी है, पर इसका अनुपालन नहीं हो रहा है। खनन कंपनी के भ्रष्ट सरकारी कर्मियों की मिलीभगत से यह धंधा बेरोकटोक जारी है.ताजा मामला बिहटा के बभनलाई आहार पईन का है जहां बालू माफिया ने लघु सिंचाई विभाग के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए सरकार को खुली चुनौती दे दी। लघु सिंचाई विभाग द्वार बनाया गया आहर पईन पर बालू माफिया ने 30 मीटर का सड़क बना डाला।
इस मामले को लेकर पटना हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील मणिभूषण प्रताप सेंगर ने बिहार के मुख्यमंत्री, डीजीपी, मुख्य सचिव, डीएम, एसएसपी को पत्र लिखकर माफिया पर कारवाइ की मांग की , लेकिन अब तक कोई कारवाइ नहीं हुई है।
सीनियर वकील मणिभूषण प्रताप सेंगर ने ही अवैध बालू खनन की सबसे बड़ी कंपनी ब्रैडसन के खिलाफ जनहित याचिका दायर कि जिसके बाद सरकार और प्रशासन ने बड़ा कदम उठाए थे मैं और ब्रैडसन कंपनी को बैन करते हुए उसके सभी संपत्ति को ज़ब्त करते हुए कई लोगों को जेल भेजा था।
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