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रविवार, मई 17, 2020

लालू से लेकर नीतीश कुमार तक के उद्योग मंत्री द्वारा उद्योगों का कितना विकास हुआ -PIL एक्सपर्ट मणि भूषण सेंगर


बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, उद्योग मंत्री, उद्योग विभाग एवं BIADA से मेरा बिहार के बाहर से आए मजदूरों के हित के लिए कुछ विशेष सवाल । विशेष टिप्पणी ।तथा मेरे आगे की योजना बिहार के बाहर से आए मजदूरों को रोजगार नहीं मिलने पर।:-
      1)बिहार में जो भी उद्योग मंत्री पिछले तीस वर्षों में रहे lहैं उन सबों का नाम मुझे कृपा कर उपलब्ध कराएँlक्योंकि पिछले तीस वर्षोंमें खरबों पैसे ख़र्च हुए हैं lउद्योग के विकास के नाम पर lअगर बाहर से आए कम से कम आधे बिहारी मजदूर को यहाँ रोज़गार नहीं मिली तो उद्योग घोटाले का जनहित याचिका इन सभी के विरुद्ध दायर करूँगा l
2)बिहार में BIADA ने औद्योगिक क्षेत्र में विकास का कितना कार्य किया है? यह अब समझ में आएगा। कि केवल लूटपाट मचाया है? क्योंकि अगर कार्य किया है तो बाहर से आए बिहारी मजदूरों को कार्य मिलना चाहिए। उसमें परेशानी नहीं होनी चाहिए। अब लूट का भंडाफोड़ होगा।
3)बिहार में पिछले बीस वर्षों में जितने भी उद्योग मंत्री रहे वो कितने क़ाबिल थे और वे क्या किए हैं,सारे उद्योग विभाग के पैसे का बिहार में उद्योग के विकास में?इसका पता चल जाएगा की बाहर से आए बिहारी मज़दूरों के लिए कितना रोज़गार दे पाते हैं इससे lइस बार तो जाँच है lअसली काम अब इसी विभाग का हैlमीडिया ये सवाल क्यों नहीं उठा रही?
3)बिहारी जितने भी बिहार के बाहर मजदूरी करते थे लगभग सभी वापस आ चुके हैं अब पता चलेगा की पिछले बीस वर्षों में सुशासन के सरकार और इसके उद्योग मंत्रियों ने कितना लघु उद्योग आदि के बढ़ोत्तरी के लिए कार्य किया है ?कार्य किया भी है या केवल सरकारी सुख भोगा है ?
4)मेरा पक्ष और विपक्ष दोनों को एक सलाह है कि अगर सुशासन और लालू जी की सरकार के प्रिय उद्योग मंत्रियों ने सही कार्य किया है? तो बिहार के बाहर से आए बिहारी मजदूरों के लिए कोई चिंता करने की बात ही नहीं बिहार में भुखमरी आएगी ही नहीं।क्योंकि यहां तो अरबों रुपए खर्च हुए हैं।
मणिभूषण प्रताप सेंगर।
अधिवक्ता ।
पटना उच्च न्यायालय।
ब्यूरो रिपोर्ट :राज कृष्णन 
प्लस न्यूज़, पटना 

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