बादल फटना बारिश का चरम रूप है, जिसमें कम समय में धुंआधार बारिश होती है और कभी कभी गरज के साथ ओले भी पड़ते हैं. बादल फटने के कारण जान-माल का नुकसान होता है. लेकिन, ये बादल फटना आखिर होता क्या है? आइए विस्तार से जानें कि बादल फटने का मतलब क्या होता है और क्यों इससे इतनी तबाही होती है.......
बादल फटने के कारण कुछ मिनट मूसलाधार से भी ज़्यादा तेज़ बारिश होती है. इस दौरान इतना पानी बरसता है कि क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं. बादल फटने की घटना अमूमन पृथ्वी से 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर होती है. जब बारिश के दौरान लगभग 100 मिलीमीटर प्रति घंटा की दर से पानी बरसता है, तब कहा जाता है कि बादल फट गया. चंद मिनटों में 2 सेंटीमीटर से ज़्यादा बारिश होती है जिससे प्रभावित क्षेत्र में भारी तबाही देखी जाती है. जब बादलों में भारी मात्रा में आर्द्रता होती है और उनकी आसमानी चाल में कोई बाधा आ जाती है, तब अचानक संघनन बहुत तेज़ होता है. इस स्थिति में प्रभावित और सीमित इलाके में कई लाख लीटर पानी एक साथ पृथ्वी पर गिरता है, जिसके कारण उस क्षेत्र में तेज़ बहाव या बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है. .....
बादल फटने के कारण कुछ मिनट मूसलाधार से भी ज़्यादा तेज़ बारिश होती है. इस दौरान इतना पानी बरसता है कि क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं. बादल फटने की घटना अमूमन पृथ्वी से 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर होती है. जब बारिश के दौरान लगभग 100 मिलीमीटर प्रति घंटा की दर से पानी बरसता है, तब कहा जाता है कि बादल फट गया. चंद मिनटों में 2 सेंटीमीटर से ज़्यादा बारिश होती है जिससे प्रभावित क्षेत्र में भारी तबाही देखी जाती है. जब बादलों में भारी मात्रा में आर्द्रता होती है और उनकी आसमानी चाल में कोई बाधा आ जाती है, तब अचानक संघनन बहुत तेज़ होता है. इस स्थिति में प्रभावित और सीमित इलाके में कई लाख लीटर पानी एक साथ पृथ्वी पर गिरता है, जिसके कारण उस क्षेत्र में तेज़ बहाव या बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है. .....
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