........दोस्तो ,इस भागदौर
भरी जिंदगी में कई चीजें ऐसी होती हैं..जिन्हे हम अक्सर अनदेखा कर देते है......लेकिन
इसी अनदेखे की वजह से कई बार भारी मुश्किलों का सामना करना पडता हैं.......जीवन
जीने के लिए हम योजनाएं बनाते रहते हैं... सोचते है......अच्छा कमाएंगे........अच्छा
खाऐंगे.....लेकिन अक्सर य़ह देखा जाता है कि हम अपनी सेहत को लेकर अपनी लापरवाही के
कारण जिंदगी को इंजॉय नहीं कर पाते है। कई लोग तो ऐसे वक्त के मारे हैं कि करोडों
की संपत्ति होते हुए भी अपनी पसंदीदा चीजों का उपभोग भी नहीं कर पाते । .खाने के
नाम पर बस दवा की गोलिंया सुबह शाम की रुटीन में शामिल हो जाती है। मतलब साफ है कि
सेहत से खिलवाड़ कर हम खुश नहीं रह सकते ।
जिंदगी को खुशहाल बनाना है
तो सेहतमंद रहने की कला तो आनी ही चाहिए । आज इस खास पेशकश में हम आपकों मधुमेंह
यानी डायबटीज और साधारण लेकिन बेहद खतरनाक बीमारी कब्ज़ को लेकर जानकारी और घरेलू
नुस्खे बतायेंगे।
पहले बात मधुमेह की करते
हैं। हर घर में इस बीमारी ने दस्तक दे दी है। बच्चे, जवान बूढ़े सभी इस बीमारी के
शिकार हैं। लेकिन थोड़ा सा संयम और आहार में संतुलन के साथ घरेलू नुस्खे इस
जानलेवा बीमारी से निजात दिला सकते हैं।
आजकल की भागदौड़ भरी और
अनियमित जीवनशैली के चलते अनेक बीमारीयां ने
लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रखा है। .......... मधुमेह एक ऐसी बिमारी है जिसे
लोगो को अनदेखा नही करना चाहिए...... क्योंकि धीरे धीरे य़ह पूरे शरीर को खोखला कर मौत
के करीब कर देती है । ......... यह ऐसी बीमारी है..... जो एक बार किसी शरीर को
पकड़ ले.........फिर जीवन भर छोड़ती नहीं...... मधुमेह शरीर में अन्य कई बीमारियों को भी निमंत्रण देती है।............
मधुमेह रोगियों की आंखों में दिक्कत, किडनी और लीवर की पेरशानी
और हाथों - पैरों में दिक्कत होना आम बात है। ....पहले ये माना जाता था कि चालीस
की उम्र के बाद ही किसी को डायबिटीज़ होता है। लेकिन आजकल
बच्चों में भी इसका मिलना आम हो गया है। ये आधुनिक जीवन और बढ़ते समाज के लिए बेहद
चिंता की बात है। ...............मधूमेह होता क्या है........ जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का
पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है.......... इस
स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जोकि पाचक ग्रंथि द्वारा
बनता है। इसका मुख्य कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही
वह हार्मोन है.......... जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है।
मधुमेह होनेपर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में
ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता
है। ...शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से हार्मोनल बदलाव होता है और कोशिशएं
क्षतिग्रस्त होती हैं जिससे खून की नलिकाएं और नसें दोनों प्रभावित होती हैं। इससे
धमनी में रुकावट आ सकती है या हार्ट अटैक हो सकता है।..............स्ट्रोक का
खतरा भी मधुमेह रोगी को बढ़ जाता है। डायबिटीज का लंबे समय तक इलाज न करने पर यह
आंखों की रेटिना को नुकसान पहुंचा सकती है। इससे व्यक्ति हमेशा के लिए अंधा भी हो
सकता है.....
एंकर....मधुमेह
को कैसै पहचाने........मोटे तौर पर किसी को मधुमेह होने पर कुछ लक्षण साफ दिखते
हैं.....
मधुमेह के
लक्षण....
ज्यादा प्यास लगना
बार-बार पेशाब का आना
आँखों की रौशनी कम होना
कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना
हाथों,
पैरों और
गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म
बार-बार फोड़े-फुंसियां निकलना
चक्कर आना
चिड़चिड़ापन
तो क्या हम हार मान
लेंगे.....नहीं बिल्कुल नहीं..........डायबीटीज को हम हरायेंगे । कुछ घरेलु नुस्खे
डायबटीज के खतरे को बहुत हद तक कम कर सकते है.........ये रहे वो नुस्खे जो आपकी
अंदर की शक्ति को उर्जांवित कर मधुमेह से लड़ने में मदद करेंगे।
मधुमेह रोगियों के लिए ये
हैं रामबाण उपाय............सबसे पहले भिणडी के सेवन से फायदे की बात करते
हैं.......................जीहां हरी सब्जी भिण्डी मधुमेंह के मरीजों के लिए अत्यंत
लाभकारी है। ............सबसे पहले भिणडी को अच्छी तरह धो ले....उसके बाद भिण्डी
को छोटे छोटे टुकडो में काट ले..... एक बाउल में एक कप पानी ले.....भिण्डी को उस
बाउल में कुछ देर के लिए रख दे.....उसके बाद उस पानी में से भिण्डी को निकाल कर ...पानी
में आधा नीबू नीचोर ले.... उसके बाद उस में शहद मिलाए...... उस शरबत को लगातार
दो-तीन सप्ताह तक बनाकर सेवन करें.........आपको फायदा जरूर दिखेगा....
दुसरा उपाय...........आप गुडहल
यानी हैबिस्कस के पत्ते का भी इस्तमाल कर सकते है.....गुडहल के पत्ते डायबीटीज के
मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद है...दिखने में बहुत ही साधारण पर कई गुणा ज्यादा
अदभुत होते है गुलहर के पत्ते......यह कई दवाईयों और कॉस्मेटीक्स बनाने के लिया
उपयोगी है । ....इस नुस्खे को बनाने के लिए गुडहल यानी हिबिस्कस के 8 से 10 पत्तो
को अच्छी तरह पीस कर एक पेस्ट तैयार करे.....एक
ग्लास पानी में 3 से 4 चम्मच पेस्ट मिला कर रातभर के लिए रख दे.......सुबह उठकर
खाली पेट इस ड्रींक का सेवन करे.....आपको बता दे गुडहले के पत्तो में फेनोलिक एसिड
पाया जाता है जो डायबटीज की बीमारी में कारगर होता है.....अगर आप इस नुस्खे को 15
दिनों तक रोजाना इस्तमाल करेंगे तो आपको फर्क दिखेगा..... आपका शुगर लेवल इंप्रुव होगा.....।
अब बात अगले उपाय
की.......दोस्तो सहजन के पत्तों में दूध की तुलना में चार गुणा ज्यादा कैलशियम और
प्रोटीन पाया जाता है..........अगर शुगर के मरीज इन पत्तो का सेवन भोजन में करे तो
उनके पाचन और रक्तचाप को कम करने में मदद मिलेगी ..........इसका इस्तेमाल नियमित रूप से किया जाए
तो बड़ा फायदा होगा ।
शुगर के मरीजों के लिए आवला
बहुत ही कारगर है......जैसा की आपको पता है आवले में विटमिन सी होता है........इस
नूस्खे के लिए सबसे पहले दो से तीन आवला ले.....आवले में से बीज को निकाल
दे...उसके बाद आवले का पेस्ट बना ले.......इसमें एक कप पानी मिलाकर हर रोज खाली
पेट ले....आप चाहे तो आवले का जूस को करेले के जूस के साथ मिक्स कर के हररोज पी
सकते है.......इस नूस्खे के उपयोग मात्र से आपका शुगर लेवल कई गुणा ज्यादा इमप्रुव
होगा.....
अब अगला नूस्खा
.....दालचीनी तो आपको पता ही होगा .....डायबटीज के मरीजों के लिए दालचीनी बहुत ही
उपयोगी है................. इस नूस्खे के
लिए सबसे पहले एक कप गर्म पानी करे....उसमे एक चम्मच दालचीनी का पाउडर मिक्स करे............
रोजाना इस शरबत का सेवन करे........आपका
शुगर लेवल कम हो जाएगा.....
क्या आपको आम के पत्ते का
गुण पता है......जी..हां........आम के पत्ते को भी डायबिटीज के लिहाज से इस्तेमाल किया जाता है.... इस नूस्खे के लिए
सबसे पहले 10 से 15 आम के पत्ते को एक ग्लास पानी में रातभर के लिए छोड दिजिए....सुबह
इस पानी को छानकर खाली पेट इसका सेवन किजीए आपको फर्क दिखेगा..........
ये तो रहे वो उपाय जो सुगर के
मरीज़ को बड़ा फायदा पहुंचा सकते हैं.............लेकिन एक बात का जरूर ध्यान रखे.............कि .सिर्फ घरेलु
नुस्खो को ही ना अपनाएं...........डॉक्टर से सलाह भी जरूर लेते रहे.........
इस सेगमेंट में हम बात
करेंगे कॉन्सटीपेशन यानी कब्ज की............कहते है अगर पेट ठीक हो....तो सब ठीक
है....ज्यादातर बीमारियों की जड है कब्ज़ ।..अगर पेट ठीक हो....तो हम स्वस्थ
रहेंगे.....भागती दौड़ती जिंदगी में अधिकांश लोगों को कब्ज यानी कॉन्सटीपेशन की
शिकायत रहती है......जल्दी जल्दी खाना..........उल्टा पुल्टा खाना पेट के लिए जी
का जंजाल बन जाता है । तो आईये जानते हैं कैसे रखे पेट को साफ और शरीर को रोगमुक्त
।
सबसे पहले हम जानने की
कोशिश करे कि कॉन्शटीपेशन यानी कब्ज होता क्या है। कब्ज, कोष्ठबद्धता, मलावरोध या कॉंसपेस्टीपेशन
ये सब एक ही बीमारी के नाम है | सुबह-सुबह पेट साफ न हो तो पूरा दिन अच्छा महसूस नहीं होता है | कुछ लोगों के लिए कब्ज हर रोज की समस्या होती है और वो आम तौर पर इसे एक
बीमारी मान लेते है.........लेकिन यह ज्यादा बड़ी बिमारियों के होने का सिर्फ एक
संकेत भर होता है |
.........अगर सही समय पर इसका इलाज़ नहीं किया गया तो
यह श्रोणि रोगों पेल्विक रोग और पेट के विकारों में बदल सकता है ।............. वैसे तो कब्ज्...कॉंसपेस्टीपेशन की शिकायत कभी न कभी सभी को हो जाती है, लेकिन इससे रोजाना परेशान रहना निश्चय ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। ......लगातार
कब्ज की शिकायत बनी रहने से शरीर और मन दोनों पर दुष्प्रभाव तो पड़ता ही है, साइटिका, फिशर आदि रोग भी जकड़ लेते हैं। इसीलिए कब्ज को
विभिन्न रोगों का जड़ कहा जाता है। कब्ज की समस्या होने पर बारबार दवा लेने से
इनके इस्तमाल की आदत पड़ जाती है। और एक दिन ऐसा आता है कि बिना दवा लिए व्यक्ति
शौच के लिए जा भी नहीं पाता। इसलिए हम आपको इसके बचने के लिए जो सुझाव दे रहें है आप उनका ठीक से पालन करें
क्योंकि बीमारियों से बचाव ही उसका सबसे बेहतर उपचार होता है....... ।
एंकर .....नुस्खे जानने से पहले आईये ये जानते हैं कि कब्ज़ होता क्यों
है.......और यकीन मानिए अगर आपने इन कारणों पर विजय प्राप्त कर लिया तो कब्ज़ की
समस्या हवा हो जाएगी ।
....कब्ज़ से लड़ना है तो इसके कारणों से तुंरत दूरी बना लीजीये । कब्ज़ हमारी
अपनी लापरवाही से हमारा साथी बन जाता है। ......कब्ज बेवक्त
भोजन करने की आदत के कारण होता है।....... गरिष्ठ, तले हुए मैदे के व्यंजन, तेज मिर्च-मसालेदार चटपटे भोजन, ठीक से चबाए बिना बार-बार भोजन करने से कब्ज़
का दानव खुश होता है।............ पहले का भोजन हजम हुए बिना फिर से भोजन खाना कब्ज़
की प्रमुख वजह है|। साथ ही पानी कम पीना और खाने को ठीक से चबा-चबा कर ना खाना .........चाय, कॉफी का अत्यधिक सेवन कब्ज को आमंत्रण देने के
समान है। ...............तंबाकू, सिगरेट शराब आदि
के सेवन से कब्ज़ से दोस्ती हो जाती है। ......इसके अलावा व्यायाम बिल्कुल न करना...........
आराम पसंद लाइफ स्टाइल.......फ्रिज का ठंडा पानी पीना...........रात में देर से
खाना.........., खाना खाने के
तुंरत बाद सो जाना कबज़ की बीमारी से याराना बन जाने की अहम वजह है।
कॉन्सटीपेशन की पहचान आसान है.......इसके लक्षण दिखते ही
उपाय शुरु कर देने चाहिए................कैसै पहचाने कब्ज़ की बीमारी को ........मोटे
तौर पर ये हैं इस बीमारी के लक्षण।
पेट का ठीक से साफ़ ना होना
अरुचि
भूख खुलकर न लगना
पेट में भारीपन महसूस होना
मुंह में छाले
पेट फूलना
गैस की तकलीफ
शौच साफ न होना
सिर दर्द, जी मिचलाना
कमर तथा जोड़ों में दर्द
आलस्य, चिड़चिड़ापन, नींद न आना
लक्ष्ण जान गए...पहचान गए....अब जानिए कैसे
भगाये इस रोग को । कब्ज पूरी तरह हमारी जीवन शैली से जुड़ा है....सबसे अच्छा उपाय
तो यही है कि जीवन जीने का तरीका बदला जाये । इसके साथ ही इन घऱेलू उपायों से भी
बड़ा फायदा होगा.....
तो अब आप तैयार हो जाइये उन आसान से उपायों को
जानने के लिए जिनके नियमित इस्तेमाल से सिर्फ कब्ज़ ही नहीं बल्कि आपकी पेट संबंधी
कई व्याधियों का समाधान निकल आएगा। आइए जानते है ये घरेलू उपाय............
एक ग्लास हल्के गर्म पानी में 5 ग्राम नीबू का रस और 5 ग्राम अदरक का रस के साथ ही 10 ग्राम शहद मिलाकर शरबत बना लें,,,,,,,इसके सेवन
से कब्ज जल्द ठीक होता है...........
एक ग्लास पानी में 10 बूंद एरंड का तेल मिलाकर रात को सोते वक्त पीने
से कब्ज नष्ट हो जाती है। कॉन्सटीपेशन से अधिक पीड़ित रहने वाले सप्ताह में दो बार
इसका सेवन कर सकते हैं......
अब हम आपको तीसरे
उपाय के बारे में बताएंगे..... 5 ग्राम नीबू के रस को एक ग्लास पानी में
मिलाकर उसमें 10 ग्राम मिश्री घोलकर पीने से कब्ज की समस्या से मुक्ति मिलती है।
अंजीर एक फाइवर फूड है..... अंजीर में फाइवर की मात्रा अधिक
होने की वजह से कब्ज रोगियो के लिए यह बहुत ही फायदेमंद है.........2 ग्लास पानी
में 5 से 6 अंजीर को ले...... पानी में डालकर
उबाल ले........... उसके बाद जंजीर को छानकर निकाल ले...... छाने हुए पानी पीने से कब्ज
से राहत मिलती है.......
....... जैसा की आप सभी को पता है एलोवेरा एक चमत्कारी औषधि
है....एलोवेरा के पत्तों के जैल में विटमिन
ए...बी1....बी2....बी3....बी6....बी12.....विटमिन सी और ई...... साथ ही फोलिक एसिड
तत्व पाए जाते है......एलोवेरा ना केवल सामान्य बीमारियों को जड से मिटाता है
बल्कि घातक बीमारियों का भी जम कर सामना करता है......कब्ज के लिए सबसे पहले 20 ग्राम मात्रा में एलोवेरा ले......एलोवेरा को पीसकर थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर सुबह और शाम खाने से
कब्ज का निवारण होता है। रोगी को खाली पेट ही इसका सेवन करना चाहिए।
.......एक और घरेलू उपाय बहुत ही महत्तवपूर्ण
है कब्ज के मरीजों के लिए....एक ग्लास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी और एक चम्मच घी मिलाकर घोल ले......रात
को सोने से पहले इसका सेवन करे......
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