गुजरात चुनाव पर देश ही नही बल्कि विदेश में बैठे भारतीय की भी नजर है । गुजरात की दिशा और दशा बस एक उंगली तय करेगी....गुजरातियों के इन्हीं एक कोमल उंगली से बदलेगी गुजरात की तस्वीर और गुजरातियों की तकदीर । केंद्र में जिस तरह से मोदी की सरकार है ऐसे हालात में पीएम मोदी के गृह राज्य में होने वाले इस चुनाव में देश से विदेश तक में बैठे लोगों की नजर टिकी है......गुजरात में पहले दौर की वोटिंग में सौराष्ट्र की 48ए कच्छ की 6 और दक्षिण गुजरात की 35 सीटों के लिए वोटिंग हुई.....पहले चरण में मतदान के लिए 24ए689 केंद्र बनाए गए हैंण् इस चरण में 977 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं जिनकी किस्मत का फैसला 2 करोड़ 12 लाख वोटर्स करेंगे....इस चरण में गुजरात के कच्छए सुरेंद्रनगरए मोराबीए राजकोटए जामनगरए देवभूमिए द्वारकाए पोरबंदरए जूनागढ़ए गिर सोमनाथए अमरोलीए भावनगरए बोटाडए नर्मदाए भरूचए सूरतए तापीए डांगए नवसारी और वलसाड जिले की 89 विधानसभा सीटें हैंण्...गुजरात की राजनीति में सौराष्ट्र.कच्छ की काफी अहम भूमिका रही हैण् राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से 54 सीटें इस क्षेत्र से आती हैंण् सौराष्ट्र में बड़ी आबादी पाटीदार समाज की है और उसमें भी खासकर लेऊवा पटेल कीण् इस क्षेत्र में कम से कम 32 से 38 विधानसभा सीटों पर पटेल समुदाय किसी को भी पार्टी को चुनाव हराने और जिताने का फैसला करते हैंण्.... राजकोट सीट पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को कांग्रेस के इंद्रनील राज्यगुरू से चुनौती मिल रही है ....इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए रूपाणी को आक्रोशित पाटीदारों और व्यापारी समुदाय का विश्वास जीतना होगा जिसे नोटबंदी और जीएसटी लागू किए जाने के प्रभाव का सामना करना पड़ रहा हैण् भाजपा के शासन में शिक्षा और सरकारी नौकरी में आरक्षण के अभाव को लेकर पाटीदारों के गुस्से को कांग्रेस रूपाणी के खिलाफ भुनाना चाह रही हैण् पार्टीदारों के बीच भाजपा का आधार कोटा आंदोलन और हार्दिक पटेल के कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने की वजह से प्रभावित हो सकता हैण् ......अगला वोटिंग 14 दिसंबर और 18 दिसंबर को मतगणना होगी .......ये चुनाव बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा की बात है तो वही कांगेस के लिए प्रतिष्ठा बचाने की.... गुजरात का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के लिए भी निजी प्रतिष्ठा का सवाल है....एक तरफ जहां.राहुल गांधी भ्रष्टाचारए रोजगारए किसानों के कर्जए नोटबंदीए जीएसटी और स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रलोभन दे रहे है वही दूसरी ओर बीजेपी द्वारा गुजरात को विकास की राह पर और आगे तक ले जाने की बात किया जा रहा है....अब देखना ये है कि 18 को होने वाले मतगणना में किसके सर ताज होगा.....
गुजरात चुनाव पर देश ही नही बल्कि विदेश में बैठे भारतीय की भी नजर है । गुजरात की दिशा और दशा बस एक उंगली तय करेगी....गुजरातियों के इन्हीं एक कोमल उंगली से बदलेगी गुजरात की तस्वीर और गुजरातियों की तकदीर । केंद्र में जिस तरह से मोदी की सरकार है ऐसे हालात में पीएम मोदी के गृह राज्य में होने वाले इस चुनाव में देश से विदेश तक में बैठे लोगों की नजर टिकी है......गुजरात में पहले दौर की वोटिंग में सौराष्ट्र की 48ए कच्छ की 6 और दक्षिण गुजरात की 35 सीटों के लिए वोटिंग हुई.....पहले चरण में मतदान के लिए 24ए689 केंद्र बनाए गए हैंण् इस चरण में 977 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं जिनकी किस्मत का फैसला 2 करोड़ 12 लाख वोटर्स करेंगे....इस चरण में गुजरात के कच्छए सुरेंद्रनगरए मोराबीए राजकोटए जामनगरए देवभूमिए द्वारकाए पोरबंदरए जूनागढ़ए गिर सोमनाथए अमरोलीए भावनगरए बोटाडए नर्मदाए भरूचए सूरतए तापीए डांगए नवसारी और वलसाड जिले की 89 विधानसभा सीटें हैंण्...गुजरात की राजनीति में सौराष्ट्र.कच्छ की काफी अहम भूमिका रही हैण् राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से 54 सीटें इस क्षेत्र से आती हैंण् सौराष्ट्र में बड़ी आबादी पाटीदार समाज की है और उसमें भी खासकर लेऊवा पटेल कीण् इस क्षेत्र में कम से कम 32 से 38 विधानसभा सीटों पर पटेल समुदाय किसी को भी पार्टी को चुनाव हराने और जिताने का फैसला करते हैंण्.... राजकोट सीट पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को कांग्रेस के इंद्रनील राज्यगुरू से चुनौती मिल रही है ....इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए रूपाणी को आक्रोशित पाटीदारों और व्यापारी समुदाय का विश्वास जीतना होगा जिसे नोटबंदी और जीएसटी लागू किए जाने के प्रभाव का सामना करना पड़ रहा हैण् भाजपा के शासन में शिक्षा और सरकारी नौकरी में आरक्षण के अभाव को लेकर पाटीदारों के गुस्से को कांग्रेस रूपाणी के खिलाफ भुनाना चाह रही हैण् पार्टीदारों के बीच भाजपा का आधार कोटा आंदोलन और हार्दिक पटेल के कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने की वजह से प्रभावित हो सकता हैण् ......अगला वोटिंग 14 दिसंबर और 18 दिसंबर को मतगणना होगी .......ये चुनाव बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा की बात है तो वही कांगेस के लिए प्रतिष्ठा बचाने की.... गुजरात का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के लिए भी निजी प्रतिष्ठा का सवाल है....एक तरफ जहां.राहुल गांधी भ्रष्टाचारए रोजगारए किसानों के कर्जए नोटबंदीए जीएसटी और स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रलोभन दे रहे है वही दूसरी ओर बीजेपी द्वारा गुजरात को विकास की राह पर और आगे तक ले जाने की बात किया जा रहा है....अब देखना ये है कि 18 को होने वाले मतगणना में किसके सर ताज होगा.....
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